हम दोनों
ऐसे युग में रहते हैं
जिसकी गति हमारी सबकी गति से ज़्यादा है.
हमने भी प्यार किया
सदियोंसे चला आ रहा पाक़ प्रेम
पर हमारे साथ नहीं गूंजा हंसो का कलरव
न ही तुम्हे मुझमे एलोरा का सौंदर्य दिखा!
उत्तमपुरुष के नाप से मैंने भी कभी नापा नहीं तुम्हे.
फिर भी हमने प्यार किया!
एक ऐसे युग में,
जहाँ हर चीज़ का मापदंड है, दूरी!
हम कितने दूर हैं.
दुनिया के तमाम लोग,जो प्यार करते हैं, किसी न किसी से
दूर हैं एक दूसरे से
इस तंत्र के महान युग में
जहाँ दुनिया छोटी होती जाती है,
दिन ब दिन
हम तरसते रहते हैं
चिड़ियों की तरह घोंसला बनाने के लिए,
एक दूसरों पर भरोसा करने के लिए,
ये सुनने के लिए, के रिश्तों में तबादले नहीं होते
हम दोनों ऐसे युग में रहते हैं,
ये वाकई सच है!
©rasika agashe
ऐसे युग में रहते हैं
जिसकी गति हमारी सबकी गति से ज़्यादा है.
हमने भी प्यार किया
सदियोंसे चला आ रहा पाक़ प्रेम
पर हमारे साथ नहीं गूंजा हंसो का कलरव
न ही तुम्हे मुझमे एलोरा का सौंदर्य दिखा!
उत्तमपुरुष के नाप से मैंने भी कभी नापा नहीं तुम्हे.
फिर भी हमने प्यार किया!
एक ऐसे युग में,
जहाँ हर चीज़ का मापदंड है, दूरी!
हम कितने दूर हैं.
दुनिया के तमाम लोग,जो प्यार करते हैं, किसी न किसी से
दूर हैं एक दूसरे से
इस तंत्र के महान युग में
जहाँ दुनिया छोटी होती जाती है,
दिन ब दिन
हम तरसते रहते हैं
चिड़ियों की तरह घोंसला बनाने के लिए,
एक दूसरों पर भरोसा करने के लिए,
ये सुनने के लिए, के रिश्तों में तबादले नहीं होते
हम दोनों ऐसे युग में रहते हैं,
ये वाकई सच है!
©rasika agashe