कुछ होता है ..कुछ नहीं होता
और इसी बीच बहोत कुछ हो जाता है
कुछ आरज़ुओं की गलियाँ
कुछ सन्नाटे के साएँ
साँस रुक भी जाए
तो भी बहोत कुछ हो जाता है
आसमान मुझ पे झुका सा
रात भीनी टपकती सी
बारिश यूँ रुक भी जाए
तो भी बहोत कुछ हो जाता है
कहीं टकराए ख़यालात
तो कहीं टकराए जिस्म हैं
ये बात ज़ुबा पर ना आए
तो भी बहोत कुछ हो जाता है..
©️Rasika Agashe
और इसी बीच बहोत कुछ हो जाता है
कुछ आरज़ुओं की गलियाँ
कुछ सन्नाटे के साएँ
साँस रुक भी जाए
तो भी बहोत कुछ हो जाता है
आसमान मुझ पे झुका सा
रात भीनी टपकती सी
बारिश यूँ रुक भी जाए
तो भी बहोत कुछ हो जाता है
कहीं टकराए ख़यालात
तो कहीं टकराए जिस्म हैं
ये बात ज़ुबा पर ना आए
तो भी बहोत कुछ हो जाता है..
©️Rasika Agashe