Friday, March 31, 2017

जाहील

ये जो दुनिया,जाहील होती जाती,
मनु की है या आदम की!
और मैं यहाँ intellectual बनी
किसे ढूँढ़ रही हूँ?
तुमने तो अपना सब बेच दिया!
ज़मीर की spelling क्या होती है?
और सपने का मतलब?
मैं कोई पता नहीं पूछ रही!
के झटक दोगे तुम.
ये जो लिखा जाएगा ना,
इतिहास मेरा तुम्हारा,
पढ़ेलिखे गवारों का Account statement ना लगे,
बस इतनी चिंता है!
बाक़ी मेरे पीछे pseudo
ये चिपकाकर गाली,
तुमने काम आसान किया है
सबका!
जो १०० साल बाद पढ़ेंगे कहानी
हमारे युग की,
इसको comedy मानेंगे
या मानवता पर लिखा satire
तय नहीं कर पा रही हूँ!
बाक़ी जहिलों का तमाशा 
देखने में शायद मज़ा ही आये
अगली पीढ़ी को!!

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