किसी के होंठो पर
किसी के हाथों में
कहानी का रास्ता बड़ा बीहड़
राह चलते टकरा गया कोई
सांस वही अटकी हुई
कभी किसी की आँखे गीली
कभी मेरी आंते नम
अंदर तक गहराई ख़ामोशी
ऊपर सिर्फ चंद लहरे
और धुंआ धुंआ बदन
कभी चन्दन कभी सरगम
अब किस का इंतज़ार है
सब तरफ बर्फ बर्फ
नीली पिली सरगोशी
और। ...
ये शब्द मेरे नहीं
मेरे बस में नहीं
किसी के हाथों में
कहानी का रास्ता बड़ा बीहड़
राह चलते टकरा गया कोई
सांस वही अटकी हुई
कभी किसी की आँखे गीली
कभी मेरी आंते नम
अंदर तक गहराई ख़ामोशी
ऊपर सिर्फ चंद लहरे
और धुंआ धुंआ बदन
कभी चन्दन कभी सरगम
अब किस का इंतज़ार है
सब तरफ बर्फ बर्फ
नीली पिली सरगोशी
और। ...
ये शब्द मेरे नहीं
मेरे बस में नहीं
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