Sunday, December 25, 2011

mere maut per

मेरे मौत पर 
कुछ करना चीजें याद...
के सूखे फुल गुलाब के 
किताब में रखना 
था पसंद मुझे.
के तूफानी समुंदरपर ,
भीडभडाके, शोर के साथ 
खामोश किनारे पे बैठना
था पसंद मुझे.
के बहुत कुछ ऐसा
जो लोग समझ न पाए
उसमें उलझ जाना
था पसंद मुझे
के मौत के बाद भी
कुछ नहीं होता ये जानकर भी
मेरे लिए तुम्हारा होना परेशां
था पसंद मुझे...

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